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🇮🇳 स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख आंदोलन: दांडी मार्च से भारत छोड़ो आंदोलन तक ✊ Indian Freedom Struggle

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🇮🇳 स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख आंदोलन: दांडी मार्च से भारत छोड़ो आंदोलन तक ✊ Indian Freedom Struggle

भारत का स्वतंत्रता संग्राम एक लंबी और कठिन यात्रा थी। अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति पाने के लिए लाखों देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इस संघर्ष के दौरान कई आंदोलन हुए जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की नींव रखी।
👉 इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे – दांडी मार्च, भारत छोड़ो आंदोलन सहित अन्य प्रमुख आंदोलनों का इतिहास, महत्व और उनका भारतीय स्वतंत्रता पर प्रभाव।


🏛️ स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 तक भारतीय जनता ने अनेक छोटे-बड़े आंदोलन किए। ये आंदोलन केवल स्वतंत्रता प्राप्त करने के साधन नहीं थे, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज को एकजुट किया और देशभक्ति की भावना जगाई।


🚶 दांडी मार्च (Dandi March 1930)

दांडी मार्च, जिसे नमक सत्याग्रह भी कहा जाता है, महात्मा गांधी द्वारा 12 मार्च 1930 को शुरू किया गया था।

📌 कारण:

  • ब्रिटिश सरकार ने नमक पर कर लगाया था।
  • नमक हर भारतीय की मूलभूत आवश्यकता थी।
  • गांधीजी ने इस कर को अन्यायपूर्ण बताया।

📌 घटना:

  • गांधीजी ने साबरमती आश्रम से दांडी (गुजरात) तक 24 दिन का पैदल मार्च किया।
  • लगभग 78 स्वयंसेवक उनके साथ थे।
  • यात्रा 385 किमी लंबी थी।
  • 6 अप्रैल 1930 को दांडी समुद्र तट पर पहुंचकर गांधीजी ने समुद्र के पानी से नमक बनाकर कानून तोड़ा।

📌 प्रभाव:

  • यह आंदोलन पूरे भारत में फैल गया।
  • लाखों लोग नमक कानून तोड़ने लगे।
  • ब्रिटिश सरकार हिल गई और कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया।
  • यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का वैश्विक प्रतीक बन गया।

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✊ भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement 1942)

भारत छोड़ो आंदोलन को गांधीजी ने 8 अगस्त 1942 को मुंबई के ग्वालिया टैंक मैदान (अब अगस्त क्रांति मैदान) से शुरू किया।

📌 कारण:

  • द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को बिना अनुमति शामिल किया गया।
  • ब्रिटिश सरकार ने भारत को स्वतंत्रता देने से मना किया।
  • गांधीजी ने नारा दिया – “अंग्रेजों भारत छोड़ो”

📌 घटना:

  • गांधीजी ने स्पष्ट कहा – “करो या मरो”
  • आंदोलन अचानक पूरे भारत में फैल गया।
  • रेल, डाकघर, सरकारी दफ्तरों पर जनता ने कब्जा कर लिया।
  • ब्रिटिश सरकार ने क्रूर दमन नीति अपनाई।

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📌 प्रभाव:

  • हजारों स्वतंत्रता सेनानी जेल में डाले गए।
  • अंग्रेज सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगाया।
  • इस आंदोलन ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अंतिम नींव रखी।
  • केवल 5 साल बाद 1947 में भारत स्वतंत्र हुआ।

🔥 अन्य प्रमुख आंदोलन

1. असहयोग आंदोलन (1920)

  • गांधीजी ने खिलाफत आंदोलन के समर्थन में शुरू किया।
  • विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार, सरकारी नौकरियों और स्कूलों से इस्तीफा।
  • आंदोलन 1922 में चौरी-चौरा कांड के बाद स्थगित हुआ।

2. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-34)

  • कानून तोड़कर अंग्रेजी हुकूमत का विरोध।
  • नमक कानून, विदेशी वस्त्रों और करों का विरोध।
  • हजारों लोगों ने गिरफ्तारी दी।

3. स्वदेशी आंदोलन (1905)

  • बंगाल विभाजन (1905) के खिलाफ।
  • विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और देशी उद्योगों को बढ़ावा।

4. 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम

  • इसे भारत का पहला स्वतंत्रता युद्ध कहा जाता है।
  • मंगल पांडे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, बेगम हज़रत महल जैसे वीरों ने हिस्सा लिया।

🌍 आंदोलनों का महत्व

  • इन आंदोलनों ने भारत को एकजुट किया।
  • अंग्रेजी सत्ता की नींव हिल गई।
  • भारत की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • गांधीजी का अहिंसा और सत्याग्रह का संदेश विश्वभर में गूंजा।

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📜 निष्कर्ष

भारत की स्वतंत्रता केवल एक दिन का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह दशकों की कठिन साधना और त्याग का नतीजा थी। दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे आंदोलनों ने भारतीयों को स्वतंत्रता का आत्मविश्वास दिया।
👉 आज हमें इन आंदोलनों से प्रेरणा लेनी चाहिए और राष्ट्र के विकास में योगदान देना चाहिए।


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